Alfaaz Shayari in Hindi
Alfaaz Shayari in Hindi: हिंदी में अल्फ़ाज़ शायरी की मनमोहक दुनिया में उतरें, जहाँ भावनाओं को शब्दों की शक्ति के माध्यम से अभिव्यक्ति मिलती है। दो-पंक्ति छंदों का यह मनमोहक कला रूप प्रेम, जुनून और जीवन का सार रखता है। दिल और आत्मा को छूने वाले संक्षिप्त लेकिन गहन छंदों की सुंदरता को उजागर करें, क्योंकि हम अल्फ़ाज़ शायरी की समृद्ध परंपरा और आधुनिक विकास का पता लगाते हैं, जो आपको इसकी गहराई और अर्थ से मंत्रमुग्ध कर देता है।
Latest Alfaaz Shayari In Hindi
दो पल मुस्कुराकर हुई आँखे नम,
फिर वही ग़म फिर वही हम।।
बहुत मुश्किल होता हैं ना…..
किसी का होकर फिर से खुद का होना..।
वो दौर भी आया सफ़र में, साहब,
जब मुझे अपनी पसंद से भी नफ़रत हुई..।
😔💔🥀
मैं बताऊँ मेरी ख़ुशी क्या है
एक ही तस्वीर में हस्ते हुए हम दोनों…!
☺️❤️🥀
अगर मैं गलत तो सही तू भी नही,
हारा में इश्क में तो जीती तू नही !!
💔🥀😔
अगर पसंद नहीं मेरा साथ तो दूर हो जाओ,
ऐसे हर रोज बिजी होने का बहाना मत बनाओ!
❤️🥀❤️
अल्फ़ाज़ कोट्स इन हिंदी
अगर पसंद नहीं मेरा साथ तो दूर हो जाओ,
ऐसे हर रोज बिजी होने का बहाना मत बनाओ!
❤️🥀❤️
“बहुत” शोक था दुसरो को खुश रखने का
होश तब आया जब खुद को अकेला पाया।💔
अगर एहसास बयां हो जाते लफ्जों से..
तो कौन करता कद्र खामोशियों की..!!
💔😔💯
फासला दिल से ना हो बस यही दुआ करना,
कभी यादों में, तो कभी ख्वाबों में, मिला करना..!
उनको भी हमसे मोहब्बत हो ज़रूरी तो नही,
इश्क़ ही इश्क़ की कीमत हो ज़रूरी तो नही..
अक्सर गुजरती हैं रातें तेरी यादों के साथ
अक्सर हर एक सवेरा नई आस लेकर आता है…
dil ke alfaaz shayari
वादों की तरह इश्क़ भी आधा रहा,
मुलाकातें कम रहीं, इंतजार ज्यादा रहा
जिंदगी में कुछ हसीन पल यूं ही गुजर जाते हैं,
रह जाती हैं यादें और इंसान बिछड़ जाते हैं
तकलीफ़ भी मिटी नही, दर्द भी रह गया,
पता नही आंसुओं के साथ क्या-क्या बह गया.!!
इश्क के भी अलग ही फसाने हैं।
जो हमारे नही हैं हम उनके ही दीवाने हैं।।
चाँदनी, जाम, कली, ख्वाब, घटा सब कुछ है,
मेरी किस्मत में मोहब्बत के सिवा सब कुछ है
मुद्दत हुई है बिछड़े हुए अपने-आप से,
देखा जो आज तुमको तो हम याद आ गए।
alfaaz shayari urdu
इश्क में तेरे जागा वर्षों और तन्हाई बनी रही,
धूप रही मेरे चौतरफा पर पुरबाई बनी रही।
मुझे उस जगह से भी मोहब्बत हो जाती है,
जहाँ बैठ कर एक बार तुम्हें सोच लेता हूँ।
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है
हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।
अजीब जुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ पर,
सो जाऊं तो उठा देती हैं जाग जाऊँ तो रुला देती है।
इसी कश्मकश का नाम मोहब्बत हैं.
आंखों में समंदर हो फिर भी प्यास रहती हैं।
गर हो जाए इश्क तो हमसे साझा कर लेना।
कुछ हम रख लेंगे कुछ तुम रख लेना ।
ना कर जिद अपनी हद में रह ए दिल,
वो बड़े लोग है मर्जी से याद करते है…..
ग़जब किया तेरे वादे पर एतबार किया
तमाम रात किया क़यामत का इंतज़ार किया।