Allama Iqbal Shayari

Allama Iqbal Shayari: अल्लामा इकबाल 20वीं सदी के सबसे मशहूर शायरों में से एक हैं। अपनी विचारोत्तेजक कविता और अपने समय के बौद्धिक और राजनीतिक प्रवचन में उनके योगदान के लिए जाने जाने वाले इकबाल के शब्द आज भी पाठकों के बीच गूंजते रहते हैं। उनकी कविता, जो फारसी और उर्दू दोनों परंपराओं से आती है, प्रेम, आध्यात्मिकता, सामाजिक न्याय और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को संबोधित करती है।

This article presents a collection of Allama Iqbal Shayaris accompanied by images that beautifully capture the essence of his words. Whether you’re a long-time admirer of Iqbal’s poetry or a newcomer to his work, this collection offers a fresh perspective on his writing and legacy.

Each Shayari in this collection has been carefully selected for its beauty, depth, and relevance to contemporary life. The accompanying images add an extra dimension to the poems, helping to bring them to life and evoke the emotions and ideas they express.

Through this collection, we invite you to explore the richness of Allama Iqbal’s poetry and to reflect on the enduring themes that he grappled with in his writing. We hope that these Shayaris will inspire you, challenge you, and leave you with a deeper appreciation of the power of language to move and transform us.

Best Allama Iqbal Shayari

allama iqbal islamic shayari

तेरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ
मेंरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को
कि मैं आप का सामना चाहता हूँ

अल्लामा इकबाल शायरी इन उर्दू हिन्दी पीडीएफ lyrics

तेरी दुआ से कज़ा तो बदल नहीं सकती
मगर है इस से यह मुमकिन की तू बदल जाये
तेरी दुआ है की हो तेरी आरज़ू पूरी
मेरी दुआ है तेरी आरज़ू बदल जाये

अल्लामा इकबाल की गजल

ज़लाम-ए-बहर में खो कर सँभल जा
तड़प जा पेच खा-खा कर बदल जा
नहीं साहिल तिरी किस्मत में ऐ मौज !
उभर कर जिस तरफ चाहे निकल जा !

Allama Iqbal Shayari

अल्लामा इकबाल की नज्में

दीप ऐसे बुझे फिर जले ही नही
जख्म इतने मिले फिर सिले भी नहीं
व्यर्थ किस्मत पे रोने से क्या फायदा
सोच लेना कि हम तुम मिले भी नहीं ।

अल्लामा इकबाल के दोहे

नशा पिला के गिराना तो सब को आता है
मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले खाली

अल्लामा इकबाल देश भक्ति

सितारों से आगे जहां और भी है
अभी इश्क़ के इम्तिहां और भी हैं
तू शाही है परवाज़ है काम तेरा
तेरे सामने आसमा और भी है

अल्लामा इकबाल की नज्में

अल्लामा इकबाल के दोहे

दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ
या रब
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ
गया हो

allama iqbal shayari in hindi pdf download

चिंगारी आजादी की ‘सुलगती’ मेरे जश्न में है,
इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में
मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है,
कुर्बानी का जज्बा “जिंदा” मेरे कफन में है।

allama iqbal shayari in hindi

रहमत है “दिल” के साथ रहे
पासबान-ए-अक़्ल लेकिन कभी
कभी तो इसे “तन्हा” भी छोड़ दे

अल्लामा इकबाल की नज्में

“खुदी को कर बुलंद इतना
कि हर तक़दीर से पहले
खुदा बन्दे से खुद पूछे बता
तेरी रज़ा क्या है”

अल्लामा इकबाल की गजल

अल्लामा इकबाल शायरी इन उर्दू हिन्दी

नहीं है न-उम्मीद ‘इक़बाल’
अपनी किश्त-इ-वीरान से
ज़रा नाम हो तो ये मिटटी
बहुत ज़रखेज़ है साक़ी

अल्लामा इकबाल देश भक्ति शायरी

हुई न आम जहाँ में कभी
हुकूमत-इ-इश्क़
सबब ये है की मोहब्बत
ज़माना-साज़ नहीं

अल्लामा इकबाल देश भक्ति शायरी

अपने मन में डूब कर पाजा
सुरग-ए-ज़िन्दगी
तू अगर मेरा नहीं बनता न
बन अपना तो बन

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दुनिया के बूत-कड़ों में पहले
वो घर खुदा का
हम इस के पासबान हैं वो
पासबान हमारा

allama iqbal islamic shayari

तूने ये क्या ग़ज़ब किया मुझ
को भी फर्श कर दिया
मैं ही तो एक राज़ था
सीना-इ-काएनात में

2 Line Allama Iqbal Shayari

अल्लामा इकबाल के दोहे

कभी हम से कभी गैरों से शनासाई है बात
कहने की नहीं तू भी तो हरजाई है

अल्लामा इकबाल की नज्में

जिस खेत से दहक़ां को मयस्सर नहीं रोज़ी
उस खेत के हर खोशा-इ-गंदुम को जला दो

सौ सौ उम्मीदें बंधती है एक एक निगाह पर
मुझ को न ऐसे प्यार से देखा करे कोई

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“ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को
की मैं आप का सामना चाहता हूँ”

अल्लामा इकबाल के दोहे

मुझे रोकेगा तू ऐ नाखुदा क्या ग़र्क़ होने से
की जिन को डूबना है डूब जाते हैं सफ़ीनों में

allama iqbal islamic shayari

अक़्ल को तनक़ीद से फुर्सत नहीं
इश्क़ पर अमल की बुनियाद रख

अल्लामा इकबाल की गजल

हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी
खुदा करे की जवानी तेरी रहे बे-दाग़

कुछ क़द्र अपनी तू ने न जानी
ये बे-सवादी ये काम-निगाही


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