Sharab Shayari
Sharab Shayari in Hindi: Hello Friends, if you drink alcohol, then you must know that the intoxication of alcohol is very sweet, after climbing it forgets all your sorrows and eliminates all your troubles, so today we are going to present you the best Sharab Shayari. Have brought Which you will enjoy reading, hope you will like this post of ours. You can also share on WhatsApp, Facebook, or Instagram
Best Sharab Shayari
पीते थे शराब हम उसने छुड़ाई अपनी
कसम देकर महफ़िल में यारों ने पिलाई
उसी की कसम देकर..!
मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न
ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं
बरसो से जानम बोतल शराब की और
एक गिलास लेके आना..!
ताजगी मिज़ाज में और रंगत जैसे
पिघला हुआ सोना यहाँ तारीफ तेरी
नहीं साकी यह ज़िक्र शराब का है..!
कभी उलझ पड़े खुदा से कभी
साक़ी से हंगामा ना नमाज अदा
हो सकी ना शराब पी सके ।
गम-दुनिया में गम-यार भी
शामिल कर लो नशा बढ़ता है
शराब जो शराब से मिलें..!
एक पल में ले गई मेरे सारे ग़म
खरीद कर कितनी अमीर होती है
ये बोतल शराब की।
ये ना पूछ मैं शराबी क्यूँ हुआ,
बस यूँ समझ ले गमों के बोझ से
नशे की बोतल सस्ती लगी..!
पीना चाहते थे हम सिर्फ एक जाम मगर
पीते पीते शाम से सवेरा हो गयी बहके
बहके कदम धीरे धीरे चले इसलिए
आने में ज़ारा सी देर हो गई..!
रात हम पिये हुए थे मगर आप की
आंखे भी शराबी थी फिर हमारे खराब
होने में आप ही कहिए क्या खराबी थी..!.
sharab shayari 2 lines
मस्ती निगाहे – नाज की कैफे-शबाब में,
जैसे कोई शराब मिला दे शराब में।
आज पी लेने दे जी लेने दे मुझ को
कल मेरी रात ख़ुदा जाने कहाँ गुज़रेगी।
तन्हाइओं के आलम की ना बात करो दोस्त,
वर्ना न उठेगा जाम और बदनाम शराब होगी।
पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी,
डगमगाना भी जरूरी है संभलने के लिए..!
देखा किया वह मस्त निगाहों से बार-बार,
जब तक शराब आई कई दौर चल गये।
पीने से कर चुका था मैं तौबा दोस्तों,
बादलो का रंग देख नीयत बदल गई..!
कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई
आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई।
थोडी सी पी शराब थोड़ी सी उछाल दी
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी।
हर ठेके के पास अब तेरी ही कमी खलती हैं,
शराबियों की महफ़िल से तो दुनिया भी जलती है..!
Dost aur Sharab Shayari
किस्मत खराब है हममें खराबी थोड़ी है,
पीते हैं उसे भुलाने के लिए शराबी थोड़ी
है
तौहीन न करना कभी कह कर
कड़वा शराब को किसी ग़मजदा
से पूछो इसमें कितनी मिठास है।
होशो हवास में बहको तो कोई बात बने,
तो यूं नशे में लुढ़कना तो यार पुराना हुआ..!
हमें गुमशुदा कर दिया तेरे इन
ख्यालों ने लोग सवाल करते हैं
हमसे अभी भी नशे में है क्या
नशा तब दोगुना होता है जनाब
जब जाम भी छलके और आँख
भी छलके..!
कमी न हो ज़रा भी शराब के प्यालों
में बस डूबता ही जाता हूँ अब उसकी
नशीली आँखों में..!
इश्क़ के नशे में ये मुकाम आये
जब भी बात शराबियों की हो
पहले मेरा नाम आये..!
नतीजा बेवजह महफिल से उठवाने
का क्या होगा न होंगे हम तो साकी
तेरे मैखाने का क्या होगा।
तुम आज शराबी बने हो तो शहर प्यासा है,
हमारे दौर में ख़ाली कोई गिलास न था..!
Sharab Shayari Ghalib
इश्क़ के नशे में ये मुकाम आये
जब भी बात शराबियों की हो
पहले मेरा नाम आये..!
वो पिला कर जाम लबों से अपनी मोहब्बत का,
अब कहते हैं नशे की आदत अच्छी नहीं होती..!
छीनकर हाथों से जाम वो इस अंदाज़ से बोली,
कमी क्या है इन होठों में जो तुम शराब पीते हो..!
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान
न पायी एक हम हैं कि पी कर भी
तेरा नाम लेते रहे।
इश्क़ के समुन्दर में आज इस कदर डूब
कर आया हूँ ऐ दोस्तों मैं शराब की 4
बोतल खरीद कर लाया हूँ..!
मैं न था नशा करने वाला नहीं कर
पाया खुद को काबु में आखिर वो भी
शराब से कम न थी फिर से हुआ बेकाबू में