Chand Shayari
Chand Shayari: Welcome to the mesmerizing realm of Chand Shayari, where the celestial beauty of the moon intertwines with the evocative power of poetry. In this enchanting collection, we delve into the depths of emotions, exploring the profound connection between the moon and human sentiments. The moon has long been a symbol of beauty, tranquility, and mystery, captivating poets and dreamers throughout the ages.
Through carefully crafted verses, Chand Shayari paints vivid pictures of moonlit nights, casting a spell on hearts and minds alike. Each line carries a myriad of emotions, from love and longing to melancholy and nostalgia. It is a language that transcends boundaries, evoking feelings that resonate with readers across cultures.
Accompanied by stunning images, this collection takes you on a visual journey, allowing you to witness the ethereal beauty of the moon in all its glory. The interplay of moonlight and shadows, the serene reflection on still waters, and the moon’s gentle presence in the night sky are brought to life through these evocative visuals.
Whether you are a connoisseur of poetry or simply someone who appreciates the aesthetics of nature, Chand Shayari with Images offers a poetic escape, inviting you to immerse yourself in the celestial verses that illuminate the soul. So, come, embark on this enchanting odyssey where the moonlight dances with words and emotions intertwine under its silvery glow.
Best Chand Shayari
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मै
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ
सुबह हुई कि छेड़ने लगता है सूरज मुझको
कहता है बड़ा नाज था अपने चाँद पर अब बोलो
क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशा,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है..
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तो
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें.
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा
तो इंतिजार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं
रात भर आसमां में हम चाँद ढूढ़ते रहे
चाँद चुपके से मेरे आँगन में उतर आया
आज टूटेगा गुरुर चाँद का तुम देखना यारो
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है
2 Line Chand Shayari
चाँद में नजऱ कैसे आए तेरी सूरत मुझको
आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया
उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा
आसमाँ पर चाँद पूरा थाः मगर आधा लगा।.
हमने कसम खायी है चाँद को चाँद रहने देंगे
चाँद में अब तुमको ना ढूँढा करेंगे
सारी रात गुजारी हमने इसी इन्तजार में की
अब तो चाँद निकलेगा आधी रात में
रात को रोज डूब जाता हैः)
चाँद को तैरना सिखाना है मुझे
चाँद को तो चाहने वाले है सभी,
पर देखना ये है की चाँद किस पर फिदा होता है.
कभी तो आसमान से चाँद उतरे जाम हो जाए
तुम्हारे नाम की एक खूबसूरत शाम हो जाए
Love Chand Shayari
ना चाँद चाहिए ना फलक चाहिए
मुझे बस तेरी की एक झलक चाहिए
मेरा और चाँद का मुक़द्दर एक जैसा है
वो तारो में अकेला मैं हजारो में अकेला
रात भर आसमां में हम चाँद ढूढ़ते रहे
चाँद चुपके से मेरे आँगन में उतर आया
चाँद भी हैरान दरिया भी परेशानी में है,
अक्स किस का है ये इतनी रौशनी पानी में है
कल चौदहवी की रात थी रात भर रहा चर्चा तेरा
कुछ ने कहा ये चाँद है, कुछ ने कहा चेहरा तेरा
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें