Firaq Gorakhpuri Shayari
Firaq Gorakhpuri Shayari: इस लेख में, हम फ़िराक़ गोरखपुरी की शायरी का एक क्यूरेटेड संग्रह प्रस्तुत करते हैं, जिसमें आकर्षक छवियां हैं जो काव्यात्मक अनुभव को नेत्रहीन रूप से बढ़ाती हैं। प्रत्येक कविता एक उत्कृष्ट कृति है, जटिल रूप से रूपकों, विशद कल्पना और गहरी दार्शनिक अंतर्दृष्टि के साथ बुनी गई है। फ़िराक़ गोरखपुरी की शायरी गहन जुनून से लेकर मार्मिक आत्मनिरीक्षण तक कई तरह की भावनाओं को जगाती है, पाठकों पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ती है। आश्चर्यजनक छवियों के साथ फिराक गोरखपुरी की मोहक शायरी की खोज करें।
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The inclusion of images adds an extra dimension to the poetry, creating a visual feast that enhances the reader’s engagement and understanding of the verses. The carefully selected images not only complement the themes and moods of the Shayari but also provide a glimpse into the cultural and historical context in which Firaq Gorakhpuri lived and wrote.
Whether you are a seasoned Shayari enthusiast or a newcomer to this beautiful form of expression, this article invites you to immerse yourself in the world of Firaq Gorakhpuri’s Shayari. Prepare to be moved, inspired, and transported to a realm where words dance on the canvas of emotions, accompanied by breathtaking visuals. Embark on this poetic voyage and discover the timeless beauty of Firaq Gorakhpuri’s Shayari with images.
Best Firaq Gorakhpuri Shayari
अगर कोई आपकी बात नहीं समझता
तो समझाओं ही मत क्योंकि कुछ बातें
समझने से नहीं खुद पर बीतने पर
ही समझ आती है।।
तुम मुखातिब भी हो क़रीब भी हो
तुम को देखें कि तुम से बात करें…
कभी पत्थर की ठोकर से भी
आती नही खरोच कभी एक ज़रा सी
बात से इंसान बिखर जाता है..
आँखों में जो बात हो गई है
एक शरह-ए-हयात हो गई है
बहुत पहले से उन क़दमों की
आहट जान लेते हैं तुझे ऐ जिंदगी
हम दूर से पहचान लेते हैं।
फिराक गोरखपुरी की दर्द भरी शायरी
तुम्हारा एक पल का साथ खरीदने के
लिए थोड़ी-थोड़ी जिन्दगी रोज़ बेचते है
जवानी के लालच में बचपन गया
अब कामयाबी के लालच में
जवानी जा रही है…
दर्द को हंसकर जीना क्या
सीख लिया सबको लगा
मुझे तकलीफ नही होती…
एक चेहरा अगर दिल में बस
जाए तो उसे लाख हसीन
मिले फर्क नहीं पड़ता
दिल उदास हो तो, दुनिया की
हर रौनकें जहर लगती हैं…
फिराक गोरखपुरी के शेर
नसीब में कुछ रिश्ते अधूरे ही लिखे होते हैं
लेकिन उनकी यादें बहुत खुबसूरत होती है…
मुस्कुराहट पर तो हजारों फिदा होते हैं
बात तो तब बने जब आँसुओ का भी
कोई हिस्सेदार हो…
खुश रहना सीख लो
उदास तो लोग कर ही देते हैं..
ये कैसी ख्वाहिश है, के मिटती ही नहीं….
जी भर के तुझे देख लिया,,,, फिर भी
नज़र हटती नहीं…
बहानों में ही उलझ कर रह गये तुम
वरना इतना भी मुश्किल नहीं था साथ निभाना…!
Mohabbat Firaq Gorakhpur Shayari
कोई आया न आएगा लेकिन क्या करें
गर न इंतिज़ार करें करते नहीं कुछ तो
काम करना क्या आए जीते-जी
जान से गुज़रना क्या आए
हम से क्या हो सका मोहब्बत
में ख़ैर तुम ने तो बेवफ़ाई की..
ये माना जिंदगी है चार दिन की
बहुत होते हैं। यारो चार दिन भी…
दुनिया – दुनिया इश्क़ की दुनिया काफिला है
या शिव की बारात अपना देस भी अब है
बिदेस अपनी ख़बर भी दूर की बात
ये अज़ल भी क्या ये अदम भी क्या
कभी देख आके फ़िराक़ को
इसी ज़िन्दगी की तुझे क़सम कि
जो दर्द भी है दवा भी है..
मौत का भी इलाज हो शायद
जिंदगी का कोई इलाज नहीं..
आँखों में जो बात हो गई है।
इक शरह-ए-हयात हो गई है
कोई समझे तो एक बात कहूं
इक तौफीक है गुनाह नहीं