Kumar Vishwas Shayari
Kumar Vishwas Shayari: इस लेख में, हम छवियों के साथ कुमार विश्वास जी की शायरी की दुनिया में तल्लीन हैं। उनकी शायरियाँ जीवन, प्रेम और रिश्तों के विभिन्न पहलुओं को छूती हैं, और ज्वलंत कल्पना, रूपकों और भावनाओं से समृद्ध हैं। साथ की छवियां उनके शब्दों के प्रभाव को और बढ़ाती हैं, और साथ में, वे एक शक्तिशाली और अविस्मरणीय अनुभव बनाते हैं।
Poetry has been a medium of expression for centuries, and the Hindi language has produced some of the most beautiful and meaningful verses. Among the contemporary Hindi poets, Kumar Vishwas ji is a name that stands out. He is renowned for his enchanting and soulful poetry that connects with people at a profound level. His unique style of delivering Shayaris with his melodious voice has earned him a massive fan following not only in India but also across the world.
Whether you are a poetry enthusiast or simply looking to explore the beauty of Hindi poetry, Kumar Vishwas ji’s Shayari with Images is sure to leave you mesmerized. So sit back, relax, and immerse yourself in the enchanting world of Kumar Vishwas ji’s Shayari with Images.
Best Kumar Vishwas Shayari
लहर का ख़म निकाला जा रहा है नदी पर बाँध डाला
जा रहा है कहाँ नींदें मेरी पलकों पे ठहरें
किसी का ख़्वाब पाला जा रहा है…
मेरा जो भी तर्जुबा है, तुम्हे बतला रहा हूँ मैं कोई लब छु
गया था तब, की अब तक गा रहा हूँ मैं बिछड़ के तुम
से अब कैसे, जिया जाये बिना तडपे जो मैं खुद ही
नहीं समझा वही समझा रहा हु मैं..
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसे हैं
ये तेरा दिल समझता है, ये मेरा दिल समझता है..!
कुमार विश्वास की गजलें
मांग की सिंदूर रेखा तुमसे ये पूछेगी कल यूं मुझे सर पर
सजाने का तुम्हें अधिकार क्या है तुम कहोगी वो समर्पण
बचपना था तो कहेगी ग़र वो सब कुछ बचपना था तो कहो
फिर प्यार क्या है…
बात करो रूठे यारों से सन्नाटों से डर
जाते हैं प्यार अकेले जी लेता है
दोस्त अकेले मर जाते हैं..!
बात करनी है बात कौन करे दर्द से दो-दो हाथ कौन करे
हम सितारे तुम्हें बुलाते हैं चांद न हो तो रात कौन करे
जिंदगी भर की कमाई तुम थे इससे ज्यादा ज़कात कौन करे..
हर विवश आंख के आंसू को
यूं ही हंस-हंस के पीना होगा।
मैं कवि हूं जब तक पीड़ा है
मुझको जीना होगा..!
2 line Kumar Vishwas Shayari
दिल के तमाम ज़ख़्म तिरी हाँ से भर गए
जितने कठिन थे रास्ते वो सब गुज़र गए..
तुम ग़ज़ल बन गईं गीत में ढल गईं
मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहा..
हमारे जख्म-ए-तमन्ना पुराने हो गए हैं
कि उस गली में गए अब ज़माने हो गए हैं…
देखना चाहना फिर माँगना या खो देना
ये सारे खेल हैं इनमें उदास मत होना…!
कहीं पर जग लिए तुम बिन कहीं पर सो लिए तुम बिन
भरी महफिल में भी अक्सर अकेले हो लिए तुम बिन..
ये पिछले चंद वर्षों की कमाई साथ है अपने
कभी तो हँस लिए तुम बिन कभी तो रो लिए तुम बिन..
Kumar Vishwas Shayari’s status
मैं अपने गीत – ग़ज़लों से उसे पैग़ाम करता हूँ,
उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूँ,
हवा का काम है चलना, दीये का काम है जलना,
वो अपना काम करती है, मैं अपना काम करता हूँ……
सातवें आसमान पर चल ना! चल! सितारों के जाल पर, चल ना! दिल,
बिना देवता की काशी है जिसमें हर घाट पर उदासी है कुछ है चटका हुआ
सा मुझमें भी तू भी कितने जन्म से प्यासी है मेरे अश्कों के ताल पर चल
ना.. सातवें आसमान पर, चल ना.. बंदिशों वाले गाँव में पल कर यूँ
रिवायत की आग में जल कर तूने अनगिनत सितम उठाए हैं रस्मे दुनिया
की राह पर चल कर छोड़ अब दिल की चाल पर चल ना..
दिल में रहते थे जो कभी अब वो
दिल की जान ही निकाल देते हैं
इतना आसान हो गया हूँ मैं
लोग मुश्किल में डाल देते हैं..
मै तेरा ख्वाब जी लू पर लाचारी है
मेरा गुरूर मेरी ख्वाहिसों पे भरी है
सुबह के सुर्ख उजालों से तेरी मांग से
मेरे सामने तो ये श्याह रात सारी है