Barish Shayari
Barish Shayari in Hindi: Hello friends, Step into a world where raindrops dance upon the earth, invoking a symphony of emotions. In the realm of Barish Shayari, words become the rain that drenches the soul. This captivating form of poetry beautifully captures the essence of rainfall, unraveling the mysteries of love, longing, and melancholy. Prepare to be whisked away on a poetic journey, as we explore the enchanting world of Barish Shayari and delve into the depths of its evocative verses.
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Best Barish Shayari in Hindi
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था..!!
सुनी निगाहों में जब तुम समाए हो तो
मौसम का हसीन होना लाज़मी है..!!
बारिश की तरह आती है तुम्हारी याद,
जो मेरे दिल को छू कर दुखा देती हैं..!
बारिश के मौसम में तेरी यादें सब कुछ
भुला देती हैं फिर भी मेरी आँखों
से बहते हुए आँसू नहीं रुकते…
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया ख़तम सभी का
इंतजार हो गया.. बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से
लगा जैसे आसमां को ज़मीं से प्यार हो गया..!!
बारिश का मौसम मुझे इसीलिए भाता है
अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है..!!
जब बारिश की बूंदें तुम्हारी यादों के साथ गिरती हैं,
तो दिल में तन्हाई की आहट सी सुनाई देती है…!
उफ्फ फिर ये बरसात की रात आई है
ख्वाबों में उसकी फिर से याद आई है..!!
भीगा रही है बारिशें इश्क़ में मुझे
ये मौसम दुआओं सा कहीं बदल न जाए..!!
बरसात शायरी 2 line
बारिश और मोहब्बत दोनों ही, यादगार होते है
बारिश में जिस्म, भीगता है और मोहबत में आंखे..!!
बारिश की बूंदों में झलकती है
तस्वीर उनकी और
हम उनसे मिलने की चाहत में भीग
जाते हैं.
गम- ए- बारिशे इसलिए नहीं
कि तुम चले गए
बल्कि इसलिए कि
हम खुद को भूल गए !!
बारिश सुहानी और
मोहब्बत पुरानी
जब भी मिलती है
नई सी लगती है
तेरे प्रेम की बारिश हो,
मैं जलमग्न हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,
मैं बादल बन जाऊं।
मोहब्बत तो वो बारिश है
जिसे छूने की चाहत में
हथेलियां तो गीली हो जाती है
पर हाथ खाली ही रह जाते हैं !!
मतलबी होना तो इंसान की
फितरत है साहब
बारिश रुक जाने के बाद तो इंसान
को छाता भी बोझ लगने लगता है।
जब भी होगी पहली बारिश,
तुमको सामने पाएंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा
हम देख तो पाएंगे ।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे
ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको
मेरे शहर में बारिश हो रही है ।
2 Line Barish Shayari
बारिश आए ना आए
भीगते ही रहते है हम
जब जमकर बरसती है
तेरी यादें..!
बाहर आकर देखिए बारिश का नजारा,
हवा है ठंडी और मौसम भी है प्यारा।
बस एक तेरे संग भीगे हम !!
मुझे उस बारिश की तलाश है !!
सहमी हुई है झोपड़ी बारिश की खौंफ से।
महलों की आरज़ू है की बरसात तेज़ हो ।
ये बारिश, ये ठंढी हवा,
रिमझिम और ये मौसम,
अगर तुम दूर ना होते तो मिल के चाय पीते !
मुझे ऐसा ही ज़िन्दगी का एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तू चाहिए।
पूछते थे ना कितना प्यार है
तुम्हे हम से लो अब गिन लो
बारिश की ये बूँदें
ए बादल इतना बरस की
नफ़रतें घुल जायें
इंसानियत तरस गयी है
प्यार पाने के लिए
कभी बेपनाह बरसी कभी
गुम सी है ये बारिश भी
कुछ – कुछ तुम सी है
Khubsurat Barish Shayari in Hindi
मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे छूने की
चाहत मैं ! हथेलियां तो गीली हो जाती है
पर हाथ खाली ही रह जाते है !
आँखों में भी जाने कितने
बादल हैं हर मौसम
बारिश का मौसम
लगता है
रहने दो अब तुम भी मुझे
अब पढ़ न सकोगे
बरसात में कागज की तरह
भीग गया हूं मै
सावन का मौसम जब भी
धरती से मिलने आता है,
तब तक अपनी तड़प का
दास्तां बरस का सुनाता है
क्यों होती है अक्सर जुदाई उनसे
जिसको दिल चाहे क्यों ।
बारिश की बूंदों में झलकती है
तस्वीर उनकी और
हम उनसे मिलने की चाहत में भीग
जाते हैं.
इस बारिश में यह दुआ है हमारी कि..
बारिश की जितने बूंदे
धरती में गिरे उतनी ही खुशियां
आपकी झोली में गिरे….
दूर तक छाए थे बादल और कहीं
साया न था इस तरह बरसात
का मौसम कभी आया न था
मजबूरियां ओढ़ के निकलता हूं
घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है
बारिश में भीगने का ।
भीगे बारिश में ये
अब मुमकीन नहीं
चलो भिगतें है यादों मे
तुम कहीं मैं कहीं
4 Line Barish Shayari
तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
ए काश बरस जाये यहाँ
नूर की बारिश * ईमान के शीशो पर
बड़ी गर्द जमी है
“कुछ तो चाहत रही होगी
इन बारिश की बूँदों की भी,
वर्ना कौन गिरता है इस जमीन पर
आसमान तक पहुँचने के बाद “
इस भीगे भीगे मौसम में थी
आस तुम्हारे आने की,
तुमको अगर फुर्सत ही नहीं तो
आग लगा बरसातों को ।
फ़िर बारिश हो रही है
शायद बादल रोया है।
लगता है उसने भी मेरी तरह..
कोई अपना खोया है…!
हैरत से ताकता है सहरा बारिश
के नजराने को
कितनी दूर से आई है
ये रेत से हाथ मिलाने को।
मैंने देखा बारिंश की वो बूँद
शीशे पर कहर कर
मुझे एक टक देखे जा रहीं थी
मैंने पूछा ऐसे क्या देख रही हो
वो धीरे से बोली बाहर तो आओ
पहली बारिश का नशा ही कुछ
अलग होता है
पलकों को छूते ही
सीधा दिल पे असर होता है !!
मौसम है बारिश का
और याद तुम्हारी आती है
बारिश के हर कतरे से सिर्फ
तुम्हारी आवाज आती है!!
इस बारिश के मौसम में अजीब सी
कशिश है,
ना चाहते हुए भी कोई शिद्दत से
याद आता है ।